BRICS सम्मेलन — पूर्ण रूप से अनोखी जानकारी
BRICS सम्मेलन या BRICS सम्मेलन (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका समूह) वैश्विक मंच पर उदयशील अर्थव्यवस्थाओं की ताक़त और एकता का प्रमुख प्रतिनिधित्व करता है। इसे केवल शिखर सम्मेलन न समझें, बल्कि इसे एक सामरिक-राजनैतिक ऊर्जा केंद्र के रूप में देखना चाहिए, जहाँ वैश्विक दक्षिण देशों की आवाज़ और समुदाय को नई दिशा मिलती है।
1. BRICS सम्मेलन की अनूठी परिकल्पना
यह संध्या नीतिगत घोषणाओं का शृंगार नहीं है, बल्कि यह एक बहुपक्षीय सत्ता संरचना का निर्माण है। इसमें गठजोड़, सहयोग, और सामूहिक संसाधनों का उपयोग शामिल है:
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कुलीन नीतियों का विषय: जहाँ सदस्य राष्ट्र मिलकर वैश्विक वित्तीय संरचनाओं, जैसे SWIFT और IMF-World Bank, में बहुलवादी दृष्टिकोण लाने पर विचार करते हैं।
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अल्टरनेट मुद्रा पहल: BRICS-PAY जैसी प्रणाली स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को सक्षम बनाती है—डॉलर पर निर्भरता कम करते हुए।
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वैश्विक दक्षिण संघ: नए सदस्य जैसे इंडोनेशिया और पार्टनर देश नाइजीरिया इस दिशा का विस्तार कर रहे हैं।
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तकनीकी और AI सहभावना: सम्मेलन में उभरते डिजिटल क्षेत्रों—जैसे AI और डेटा साझा नीति—पर एक नया मंच मिलता है।
2. 2025 का BRICS सम्मेलन: बेजोड़ ख़ासियतें
17वाँ BRICS सम्मेलन इस साल 6–7 जुलाई को रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील में आयोजित हो रहा है ।
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मोट्टो: “Inclusive and Sustainable Global South”—जिसका सीधा तात्पर्य सामाजिक समावेश और टिकाऊ विकास है
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नए सदस्य: इसके साथ इंडोनेशिया को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया है और नाइजीरिया को पार्टनर देश का दर्जा दिया गया है ।
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प्राथमिक एजेंडे:
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डिजिटल वित्तीय योजनाओं की मजबूती (BRICS-PAY, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट)
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उत्तरदायी और समावेशी AI नियमन
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जलवायु वित्त और COP30 तैयारियाँ
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व्यापार‑निवेश प्रवाह छूट और नई नीति‑निर्देश
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दक्षिण-दक्षिण सहयोग के नए ढांचे
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3. भारत का दृष्टिकोण और भूमिका
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पिछले सम्मेलन की विरासत: भारत ने 2024 के कज़ान सम्मेलन में सक्रिय भूमिका निभाई और ग़ैर-पश्चिमी आर्थिक समन्वय की दिशा मोहरी राजधानी प्रेरित की
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रुझान 2025 में:
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स्थिर मुद्रा विकल्प: डॉलर‑पर निर्भरता घटाने की दिशा
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ऊर्जा सहयोग: ब्राज़ील, रूस और सऊदी जैसे सदस्य देशों के साथ ऊर्जा निवेश और व्यापार
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डिजिटल क्षेत्र: AI पर सार्वभौमिक और जवाबदेह नियम लागू करना
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भारत‑चीन वार्ता: सीमा विवाद से अलग, सम्मेलन में व्यापार और तकनीकी साझेदारी बढ़ाने की संभावना
4. रियो में कौन-कौन आएंगे
सम्मेलन की अध्यक्षता ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासिऑं लुला दा सिल्वा करेंगे ।
उम्मीद है कि प्रमुख वैश्विक नेता शामिल होंगे:
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भारत: PM नरेंद्र मोदी
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चीन: प्रधानमंत्री/प्रधानमंत्री ली चियांग
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रूस: विदेश मंत्री सेरगी लावरोव (राष्ट्रपति की गैरउपस्थिति की संभावना)
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अन्य: दक्षिण अफ्रीका, इरान, UAE, इथियोपिया, मिस्र, इंडोनेशिया आदि
5. सम्मेलन का भविष्य और ध्यान केन्द्रित
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BRICS का विस्तार: भविष्य में ASEAN और अफ़्रीकी महाद्वीप के अधिक देशों को जोड़ने की योजना
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वॉशिंटन के समकक्ष: G7 की तुलना में नया दक्षिण केंद्रित आवश्यक संतुलन
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गवर्नेंस चैलेंज: कई अलग-थलग विचारों को एक दिशा में लाकर मंथन की प्रक्रिया
💡 क्यों यह सम्मेलन कुछ अलग है?
पहलू | विशिष्ट विवरण |
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विविधता | अब दस सदस्य, विस्तारवादी दृष्टिकोण |
समावेश | आर्थिक, तकनीकी, पर्यावरणीय सम्मेलन |
रणनीति | डॉलर विकल्प, AI नीति और दक्षिण एकजुटता |
🔚 निष्कर्ष
BRICS सम्मेलन अब केवल पाँच का मंच नहीं रहा—यह 10 सदस्यीय वैश्विक दक्षिण की क्रांति बनता जा रहा है। 2025 का रियो समिट नई पहल, विस्तार और डिजिटल वित्त के नए निर्माण का प्राथमिक केंद्र होगा।
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