Bhartiya relways me takniki part 2 |भारतीय रेलवे में तकनीकी उन्नयन PART 2
भारतीय रेल में ऊर्जा संरक्षण पहल हेड ऑन जनरेशन सिस्टम
भारतीय रेलवे
ने नई दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में वार्षिक बिजली उत्पादन लागत में रु 5.5
करोड़ बचाने के लिए हेड आन जेनरेशन (HOG)
सिस्टम को लागू किया है|
वर्तमान में
राजधानी और शताब्दी ट्रेन अन्त में पीढ़ी (EDG) प्रणाली
पर चलती है, जिसमें ट्रेन के डिब्बों को प्रकाश और एयर कंडीशनिंग के लिए डीजल ईधन
वाली बिजली कारो से शक्ति प्राप्त होती है|
HOG
एक ऐसी तकनीक है, जो बिजली की
आपूर्ति को ओवरहेड पॉवर लाइनों पर टैप करती है और एयर कंडीशनिंग के लिए कोचों को
प्रशिक्षित करने के लिए वितरित करती है| यह प्रणाली ध्वनि प्रदूषण पैदा नहीं करती
है तथा यह पर्यावरण अनुकूल तकनीक है|
रेल धरोहर डिजिटलीकरण परियोजना
रेल एवं
कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने 28 सितम्बर,
2018 को नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए
गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के सहयोग से भारतीय रेलवे की ‘रेल धरोहर डिजिटलीकरण
परियोजना’ का शुभारंभ किया| इस परियोजना का उद्देश्य ऑनलाइन कथा-कहानियों के मंच
में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय दर्शकों के लिए भारत की रेल विरासत को प्रदर्शित
करना है|
भारतीय रेल
और गूगल के बीच इस भागीदारी में वाई-फाई सेवाएँ सम्मिलित है, जिसे देश के 400 से
अधिक रेलवे स्टेशनों तक हुआ विस्तारित किया गया है| रेल सहयोग के माध्यम से 5000 से
अधिक स्टेशनों को निजी और सार्वजनिक भागीदारी के जरिए उन्नत बनाने का प्रस्ताव भी
पेश किया गया है|
गूगल आर्ट
एंड कल्चर के साथ साझेदारी के माध्यम से रेवाडी स्टीम सेण्टर स्थित राष्ट्रीय रेल
संग्रहालय, तीन वर्ल्ड हेरिटेज रेलवे, CSMT मुंबई भवन समेत देश की रेलवे धरोहर से जुड़े
कई अन्य स्थानों का डिजिटलीकरण किया गया है| 16 अप्रैल, 1853 को पहली ट्रेन मुंबई और थाणे के बीच चलाई गई
थी|
इस ऐतिहासिक
परियोजना को प्रदर्शित करने के लिए भारत में विभिन्न स्थानों पर 22 डिजिटल स्क्रीन
लगाए जाएंगे| रेल विरासत का डिजिटलाईजेशन कलाकृतियों और अन्य विरासत सम्पत्तियों
को सन्दर्भित करने के लिए बहुत से अवसर प्रदान करता है|
151000 किमी से अधिक ट्रैक, 7000
स्टेशन 1.3 मिलीयन कर्मचारी और 160
वर्ष के इतिहास के साथ, भारतीय रेलवे विश्व के सबसे प्रसिद्ध रेलवे नेटवर्कों मे
से एक है| इस दिशा में गूगल आटर्स एंड कल्चर का नया ऑनलाइन संग्रह न केवल भारतीय
रेलवे को नई ऊर्जा प्रदान करेगा, बल्कि भारत की समृद्ध रेल विरासत को दुनिया भर के
लोगों के लिए डिजिटल रूप से सुलभ बनाने का काम करेगा|
अन्य तकनीकी प्रयोग
ऑपरेशन 5 मिनट
इस सुविधा के
तहत यात्री ट्रेन की रवानगी से पाँच मिनट पहले ही टिकट बुक कर सकेंगे अर्थात जल्दी
में अगर ट्रेन टिकट खरीदना है, तो उसके लिए लम्बी कतारों से अब बचा जा सकेगा|
भारतीय रेल से रोजाना 1.5 करोड़ से भी ज्यादा यात्री अनारक्षित टिकटों
के जरिए ही यात्रा करते हैं और ये टिकट हासिल करने के लिए विण्डो पर लम्बी कतारों
में कई बार घण्टों बिताने पड़ते हैं|
रेल यात्रियों
की इस दिक्कत को दूर करने के लिए रेल मंत्री ने अनारक्षित टिकटों के लिए 5
मिनट ऑपरेशन का ऐलान किया है| सेण्टर फॉर रेलवे इन्फोर्मेशन सिस्टम अर्थात CRIS हॉट-की के नाम से सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है|
इसकी मदद से
पीक आवर्स और ज्यादा डिमाण्ड वाले रूट्स के अनरिजर्व्ड टिकटिंग सिस्टम में सारी
बेसिक जानकारी अपने आप आ जाएगी| टर्मिनल ऑपरेटर को केवल यह जानकारी डालनी होगी कि
यात्री को कितने टिकट चाहिए| इससे टिकट जारी होने में लगने वाला समय घट जाएगा|
मेनू ऑन रेल्स
मेनू ऑन
रेल्स ऐप्प सभी प्रकार की ट्रेनों में परोसे जाने वाले मेनू को दर्शाता है| मेल/एक्सप्रेस
ट्रेनों के लिए फूड आइटम को 4 श्रेणियों में रखा गया है| इनमें बेवरेज
अर्थात पेय पदार्थ,
ब्रेकफास्ट, मील और
ए-ला कार्टे
शामिल है|
स्टैन्डर्ड
फूड आइटम की दरें (टैक्स सहित) ट्रेनों के साथ स्टेशनों (फूड प्लाजा और फास्ट फूड
यूनिट को छोड़कर) के लिए दी जाती है| ए-ला कार्टे में ब्रेकफास्ट, लाइट मील्स, काम्बों
मील्स नॉन वेज, जैन फूड, मिठाई, डायबिटीज फूड्स इत्यादि की श्रेणियों के तहत 96
आइटम की सूची शामिल है|
यह ऐप्प
राजधानी/शताब्दी/दुरन्तों ट्रेनों में परोसे जाने वाले मेनू को भी प्रदर्शित करता
है| गतिमान और तेजस ट्रेनों में परोसे जाने वाले फूड आइटम को भी ऐप्प दिखाता है|
यह ऐप्प एंड्रॉयड और IOS प्लेटफॉर्म
पर उपलब्ध है|
रेल मदद ऐप्प
ट्रेन में
यात्रा के दौरान अगर किसी तरह की समस्या होती है तो ‘रेल मदद’ के जरिए यात्री
मोबाइल ऐप्प/वेब प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं| इसमें यह भी
देखा जा सकता है कि आपकी शिकायत पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं|
रेल मदद के
जरिए आप न्यूनतम इनपुट के साथ शिकायत दर्ज कर सकते हैं| इसके तहत खास ID जारी की जाती है यह तत्काल कार्रवाई के लिए सम्बन्धित
अधिकारियों को शिकायत ऑनलाइन भेज देता है|
शिकायत पर की
गई कार्रवाई को SMS के माध्यम से यात्री को भेजा जाता है| ऐप्प
विभिन्न हेल्पलाइन नम्बर प्रदर्शित करता है| इनमें सिक्योरिटी, चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर
इत्यादि शामिल हैं| तत्काल सहायता के लिए सीधी कॉलिंग की सुविधा भी प्रदान करता है|
रेलवे ने कहा
है कि ‘रेल मदद’ ऐप्प के माध्यम से जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा| इनकी
मदद
से स्वच्छता,
सुविधा इत्यादी जैसे विभिन्न मानकों पर प्रदर्शन को सुधारने की कोशिश की जाएगी|
भारतीय रेल वैश्विक परिदृश्य में
वर्ष 2019 में
जारी अन्तार्राष्ट्रीय ऊर्जा संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर वर्ष 2050 तक
रेल अवसंरचनाओं के विकास पर $ 330 मिलियन का खर्च बढ़ जाएगा तथा विश्व के कुल
रेल गतिविधियों में भारत का हिस्सा लगभग 40% तक का होगा| भारत रेलवे में वैकल्पिक ऊर्जा
तथा तकनीकी का उपयोग कर वर्ष 2050 तक लगभग $ 64 मिलियन मूल्य
के ईंधन की बचत करने में सक्षम हो सकेगा|
राष्ट्रीय रेल योजना 2030
भारत रेलवे
को एक उन्नत स्तर पर ले जाने में क्रम में केंद्र सरकार ने रेलवे नेटवर्क को
बढ़ाने की योजना बनाने के लिए दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य प्रदान करने के लिए राज्य
सरकारों, सार्वजनिक हितधारको और अन्य प्रासंगिक केंद्रीय मंत्रालय सहित सभी हितधारकों
के परामर्श से राष्ट्रीय रेल योजना (NRP 2030) विकसित करने का निर्णय लिया है|
NRP
2030 तक परिवहन के अन्य उपायों के साथ रेल नेटवर्क
को सुसंगत और एकीकृत बनाने का प्रयास करेगा तथा पूरे देश में निर्बाध बहु मोडल
परिवहन नेटवर्क को प्राप्त करने के लिए सामंजस्य बनाएगी| यह नए राजमार्गों की
सुरंगों और मेगा-पुलों के लिए यातायात नेटवर्क की एकीकृत
योजना और लागत अनुकूलन प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को भी प्राप्त करेगी| इसके लिए
राष्ट्रीय रेल योजना 2030 की वेबसाइट भी लान्च की गई है|
भारत में बुलेट ट्रेन
भारत की
प्रथम बुलेट ट्रेन सेवा अहमदाबाद और मुंबई के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
मेक इन इंडिया की पहल के अंतर्गत प्रारंभ होगी| इस महत्वाकांक्षी योजना की
आधारशिला सितंबर, 2017 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमन्त्री
शिजो अबे ने संयुक्त रूप से रखी थी| 508 किमी लम्बी रेल कारिडोर वाली हाई स्पीड
रेल लाइन दो शहरो अहमदाबाद (गिजरात) और मुम्बई (महाराष्ट्र) को जोड़ेगी तथा यह
योजना वर्ष 2022 तक पूरी होगी|
इस परियोजना
के तहत 508 किमी रेलवे मार्ग का निर्माण किया जाएगा तथा यह दूरी 3 घन्टे में पुरी
होगी| इस परियोजना से करीब 20000 से अधिक लोगो को रोजगार मिलने की सम्भावना है| इस
प्रथम बिलेट परियोजना की लागत लगभग $ 19 बिलियन है |
वन्दे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन-18)
ट्रेन-18
अर्थात वन्दे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी, 2019 को ट्रैक पर उतारी गई| प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ट्रेन-18 के उद्घाटन के मौके पर ट्रेन को हरी झण्डी दिखा कर दिल्ली
से वाराणसी तक रवाना किया|
16 डिब्बे
वाली यह ट्रेन पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी तथा यह दिल्ली एवं वाराणसी के
बीच चलेगी|
ध्यातव्य है
कि भारत की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली इंजनलेस ट्रेन-18 का नाम बदलकर ‘वन्दे
भारत एक्सप्रेस’ रख दिया गया है| ट्रेन दिल्ली से वाराणसी के बीच अधिकतम 160 किमी
प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी|
इसे 30 वर्ष
पुरानी शताब्दी एक्सप्रेस के मॉडर्न वर्जन की तरह देखा जा रहा है| इसकी सबसे बड़ी
खासियत ये है कि यह देश की पहली बिना लोकोमोटिव वाली ट्रेन है| ट्रेन पूरी तरह से
वातानुकूलित है| दिल्ली से वाराणसी के बीच ये ट्रेन केवल दो स्टेशन कानपुर और
इलाहाबाद में रुकेगी|
वन्दे भारत एक्सप्रेस की प्रमुख
विशेषताएं निम्न है
1.
पूरी तरह से है वातानुकूलित
2.
यात्री कम्पार्टमेन्ट में टच फ्री
ऑटोमैटिक दरवाजे
3.
GPS सिस्टम से
लैस तथा यात्रियों को ट्रेन की स्पीड का पता चलता रहेगा|
4.
वाई-फाई
और इन्फोटेनमेंट की सुविधा
5.
ट्रेन को कुछ इस तरह से डिजाइन
किया गया है कि यात्री ड्राइवर के केबिन का नजारा भी देख सकते हैं|
6.
विमान में जैसे टॉयलेट होते हैं ठीक
वैसे ही टॉयलेट इसमें फ्रेण्डली और सुविधाजनक टॉयलेट बनाए गए हैं|
निष्कर्ष
भारत जैसे
विकासशील देशों में रेल यात्री बेहतर सुविधा और ट्रेनों के समय से परिचालन को काफी
महत्व देते हैं| अतः भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन सुविधाओं को बढ़ाने तथा त्रिनेत्र
एवं अन्य तकनीकी प्रयोग से इस दिशा में कारगर प्रयास कीए जा रहे है|
भारतीय रेलवे
द्वारा सी एन जी आधारित, सौर ऊर्जा आधारित ट्रेनों के परिचालन से जहां एक ओर वैकल्पिक
ऊर्जा आधारित रेल परिवहन के विकास की गति प्रदान की जा रही है| वही ट्रेन-18
गतिमान तथा बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत कर रेल परिवहन में तीव्रता बढ़ाने पर
जोर दिया जा रहा है|
इन सबके
अलावा टिकटिंग प्रणाली का कम्प्यूटरीकरण तथा IRCTC
जैसे वेबसाइटो के चलन ने भारतीय रेल यात्रियों की यात्राओं को सुगम आरामदायक और
आसान बनाने का कार्य किया है, परन्तु फिर भी ट्रेनों का समय से परिचालन आज भी
चुनौती बनी हुई है|
भारतीय रेलवे में तकनीकी उन्नयन PART 1
भारतीय रेलवे में तकनीकी उन्नयन PART 2
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