Indus Valley Civilization 2500 to 1750 BCE | सिंधु घाटी सभ्यता 2500 से 1750 ईसा पूर्व
हेलो दोस्तों मेरा नाम मनीष गुप्त ( M.sc. maths, B.ed. with uptet and ctet qualified)है, आज की इस पोस्ट मे प्राचीन इतिहास से सम्बंधित ज्ञान को ग्रहण करेंगे, जिसे हम "सुपर फास्ट रिवीज़न" का नाम देते है यदि आप आने वाले exam की तैयारी करते है औऱ आपके पास समय बहुत ही कम है तो ऐ पोस्ट आपके लिए ही है, इस विषय से सम्बंधित सभी पोस्ट हमारे ब्लॉग पर नीचे लिंक के माध्यम से पढ़ सकते है l "सुपर फ़ास्ट रिवीज़न" की इस सीरीज़ मे आप SSC, UPPSC, UPSSSC, LEKHPAL, RAILWAYS, ARMY, BANKING, IBPS, LIC AAO, NTPC, DSSSB, STET, UGC NET, NDA, SSB, NAVY, AIRFORCE, CDS, RRB, UPP, UP SI, BANK PO, GROUP-D, UPTET औऱ SSC GD जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्राचीन इतिहास से सम्बंधित ब्लॉग है I उम्मीद है आपको हमारी ऐ पोस्ट जरूर पसंद आएगी l
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सिंधु घाटी सभ्यता 2500 से 1750 ईसा पूर्व-
1. सजन मार्शल के अनुसार सिंधु सभ्यता का विस्तार गंगा,जमुना, नर्मदा एवं ताप्ती की घाटियों तक था I यह उत्तर में पंजाब के रोपण जिले से दक्षिण में नर्मदा घाटी तक तथा पश्चिम में बलूचिस्तान के मकारान तट से उत्तर-पश्चिम में मेरठ तक विस्तृत थीI इसका क्षेत्र त्रिभुजकार था I
2. सर्वप्रथम 1921 इसवीं में राय बहादुर दयाराम साहनी ने हड़प्पा नामक स्थान पर इसके अवशेषों की खोज की, अतः इस सभ्यता का नाम हड़प्पा सभ्यता पड़ा I
3. 1922 से 23 ई में मोहनजोदड़ो में उत्खनन कार्य राखलदास बनर्जी ने किया I यह हड़प्पा सभ्यता का अब तक का ज्ञात सबसे वृहद स्थल है I
4. नगर नियोजन इस सभ्यता की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विशेषता थीI नगर वर्गाकार अथवा आयताकार थे तथा सड़क के उत्तर से दक्षिण अथवा पूर्व से पश्चिम की ओर एक दूसरे को समकोण पर कटती थीI
5. हड़प्पा की अपेक्षा मोहनजोदड़ो के भवन अधिक विशाल थे I मोहनजोदड़ो का सबसे विशाल भवन अन्नगार था I जहां से प्राप्त विशाल स्नानागार उल्लेखनीय हैI हड़प्पा से 6 और अन्नगारो की दो पंक्तियां मिली हैं I
6. कृषि आर्थिक जीवन की मेरुदंड थी तथा पशुपालन भी जीविका का एक प्रमुख साधन थाI
7. खूबण्डार सांड बाद प्रिय पशु थाI
8. यहां के प्रमुख खाद्यान्न गेहूं तथा जौ थे I
9. कृषि तथा पशुपालन के साथ-साथ उद्योग एवं व्यापार भी अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार थेI
10. विश्व में सर्वप्रथम यही के निवासियों ने कपास की खेती प्रारंभ की थीI ग्रीक वासियों ने कपास को ग्रीक भाषा में सिडन कहा था तथा इस सभ्यता को सिडन सभ्यता कहा जाता हैI
11. सिंधु समाज मातृ प्रधान था I मातृ देवी की उपासना का सिंधु संस्कृति में प्रमुख स्थान थाI
12. यहां पर पशुपतिनाथ,महादेव,लिंग, योनि, वृछ व पशुओं की पूजा की जाती थीI
13. सिंधु सभ्यता की लिपि भाव चित्रआत्मक थी जिसे पढ़ नहीं जा सका है, यह लिपि प्रथम लाइन में दाएं से बाएं तथा द्वितीय लाइन में बाएं से दाएं लिखी गई है, यह तरीका "ब्रस्टॉफ़ेंडम" कहलाता हैI
वैदिक काल-
ऋग़वैदिक काल 1500 से 1000 ईसा पूर्व-
1. अनेक परिवारों को मिलकर ग्राम बनता था जिनका प्रधान ग्रामीण कहलाता था तथा अनेक ग्रामों को मिलकर विश बनता था जिनका प्रधान विशपति होता थाl
2. अनेक विशो का समूह जन या कबीला कहलाता था जिनका प्रधान राजन या राजा या गोप होता था I
3. परिवार पितृ सत्तात्मक तथा वर्ण व्यवस्था क्रम आधारित थीI
4. सोम, आर्यों का मुख्य पेय पदार्थ था तथा जौ मुख्य खाद्य पदार्थ थाI
5. आर्यभट्ट बहूदेववादी होते हुए भी एकेश्वरवाद में विश्वास करते थेI
6. देवताओं में सर्वोच्च स्थान इंद्र व उसके उपरांत अग्नि व वरुण को दिया गया थाI
उत्तर वैदिक काल 1000 से 600 ईसा पूर्व-
1. परिवार पितृ प्रधान एवं संयुक्त परिवार थाI
2. जाति प्रथा कर्म के आधार पर न होकर जन्म के आधार पर होने लगी और उसमें कठोरता आ गई, ऋग्वेद के दसवें मंडल में चार वर्णों का उल्लेख प्राप्त होता हैI
3. पशुपालन की अपेक्षा कृषि आर्थिक जीवन का मुख्य आधार बनी I
4. लोहे का प्रयोग सर्वप्रथम इसी काल में किया गया थाI
5. इस समय मिट्टी के एक विशेष प्रकार के बर्तन बनाए जाते थे जिन्हें चित्रित धूसर मृदभांड कहा जाता है I
6. उत्तर वैदिक काल में यज्ञ तत्कालीन संस्कृति का मूल आधार था, इसी समय उपनिषदों की रचना हुई, उपनिषदों में आत्मा के अमृत्व एवं ब्रह्मा की उपासना की जाती थीI
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